पाकिस्तान में शुक्रवार को देशव्यापी विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिंसक झड़पें हुईं, जब कट्टरपंथी दक्षिणपंथी समूह तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) के हजारों समर्थक इजरायली कार्रवाई के खिलाफ सड़कों पर उतर आए। हालात बिगड़ने के बाद सरकार ने लाहौर, इस्लामाबाद और रावलपिंडी सहित कई प्रमुख शहरों में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया और पंजाब प्रांत में धारा 144 लागू कर दी। TLP का यह विरोध गाजा में हुई कथित 'हत्याओं' के खिलाफ था। समूह ने शुक्रवार को इस्लामाबाद स्थित अमेरिकी दूतावास की ओर एक बड़ा मार्च निकालने की घोषणा की थी, जिसके बाद सरकार ने सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए।
TLP प्रमुख की गिरफ्तारी के बाद भड़की हिंसा
हिंसा की शुरुआत तब हुई जब पंजाब पुलिस ने गुरुवार को TLP के प्रमुख साद हुसैन रिजवी को गिरफ्तार करने के लिए पार्टी मुख्यालय पर छापा मारा। रिजवी की गिरफ्तारी के तुरंत बाद TLP समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन को हिंसक बना दिया। लाहौर में TLP समर्थकों और कानून प्रवर्तन अधिकारियों के बीच सीधी झड़पें हुईं। इस्लामाबाद पुलिस ने पुष्टि की कि इस हिंसक टकराव में कई लोग घायल हुए हैं। प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए राजधानी इस्लामाबाद की ओर जाने वाली सभी प्रमुख सड़कों को बंद कर दिया गया था। प्रदर्शनकारी अमेरिकी दूतावास के बाहर इजरायल विरोधी प्रदर्शन करने की योजना बना रहे थे।
देश के कई हिस्सों में इंटरनेट और धारा 144
हिंसक प्रदर्शनों को काबू में करने के लिए पाकिस्तान सरकार ने त्वरित कार्रवाई की। इंटरनेट निलंबन: पाक गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने पाकिस्तान दूरसंचार प्राधिकरण (PTA) को आधी रात से ही मोबाइल और इंटरनेट सेवाओं को अनिश्चित काल के लिए निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया। यह कदम अफवाहों को फैलने से रोकने और प्रदर्शनकारियों के बीच समन्वय को तोड़ने के लिए उठाया गया। धारा 144 लागू: पंजाब प्रांत में धारा 144 लागू कर दी गई है। इसके साथ ही, अगले 10 दिनों के लिए सभी प्रकार के विरोध प्रदर्शनों, रैलियों और सार्वजनिक समारोहों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है।
TLP, जो अक्सर धार्मिक मुद्दों पर उग्र विरोध प्रदर्शनों के लिए जाना जाता है, ने गाजा संकट पर मुस्लिम देशों की कथित चुप्पी के खिलाफ भी आवाज उठाई है। प्रदर्शनकारी गाजा में तुरंत युद्धविराम की मांग कर रहे हैं। सरकार अब स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए व्यापक स्तर पर सुरक्षा अभियान चला रही है, लेकिन TLP प्रमुख की गिरफ्तारी ने विरोध को और अधिक उग्र बना दिया है।